नेशनल सेंटर फॉर फाइनेंशियल एजुकेशन ने एक सर्वे किया जिसमें सामने आया कि 27 फीसदी भारतीय ऐसे हैं, जो आर्थिक रूप से साक्षरता के मामले में शून्य हैं.
पर्सनल फाइनेंनस का मतलब है कि ये निजी मामला है. इसलिए हर व्यक्ति को अपने लक्ष्य अपनी कमाई और बचत के अनुसार एक निजी फाइनेंशियल प्लान बनाना चाहिए.